श्रीमद यशोविजयजी जैन संस्कृत पाठशाला 125 साल पुरानी है इसकी स्थापना 1897 में हुई थी इस स्कूल से अब तक 2850 छात्र पढ़कर निकल चुके है 220 छात्र ने पूर्ण संयम का जीवन स्वीकार किया व 36 श्रमण भगवंत पद पर है संस्थान के मुताबिक यहां हर साल 30 स्टूडेंट्स का दाखिला होता है इन्हे संस्था की तरफ से 5 हजार की राशि दी जाती है 4 साल की पढ़ाई करने वाले को 1 लाख व 6 साल की पढ़ाई करने वाले को 2 लाख रुपये दिए जाते है यह राशि हर महीने मिलने वाले पैसे से अलग होती है कानून और व्याकरण सहित पढ़ाई करने पर 3 लाख और अधिकतम 6 लाख तक दिए जाते है यहां ज्ञान के लिए 12 हजार किताबों की लाइब्रेरी है.