आजकल मदर का बच्चे की सिंगल पेरेंट होना काफी कॉमन हो गया है

सिंगल मदर होने से बच्चे की परवरिश का पूरा अधिकार आपका होता है

बच्चे के जीवन का सही गलत फैसला दोनो आपके हाथ में होता है

सिंगल मदर होने से बच्चों के साथ रिश्ता बहुत मजबूत होता है

सिंगल पेरेंट होने से बच्चे घर के नकारात्मक प्रभाव से दूर रहते हैं

ऐसे में बच्चे ज्यादा मैच्योर, समझदार और बुद्धिमान होते है

सिंगल मदर होने से आप आत्मनिर्भर बनते हैं और व्यक्तित्व भी मजबूत बनता है

सिंगल मदर होने से बच्चे की परवरिश पर मां का पूरा ध्यान होता है

सिंगल मदर अपने बच्चों की रोल मॉडल होती है जिससे भावनात्मक जुड़ाव बढ़ता है

इससे बच्चे मां के प्रति सम्मान और मां के अस्तित्व का मूल्य भी समझते हैं.