रिसर्चर के मुताबिक इंसान के बालों में स्ट्र्रेस हार्मोन मौजूद होते हैं

जिससे हार्ट अटैक (सीवीडी) के जोखिम का पता लगाया जा सकता है

ग्लूकोकॉर्टीकॉइड का लेवल- स्टेरॉयड हार्मोन किसी भी इंसान के बालों में रहता है

यह एक टाइम के बाद बढ़ जाता है

हार्मोन्स का लेवल फ्यूचर में बढ़ने के कारण हार्ट अटैक का जोखिम भी बढ़ जाता है

57 साल की उम्र के बाद हार्ट अटैक का खतरा दोगुना बढ़ जाता है

सीवीडी के सबसे अधिक मामले 57 साल और उससे अधिक उम्र वाले लोगों को होता है

बालों की यह जांच इस पूरे परिक्षण के लिए काफी ज्यादा उपयोगी साबित होगी

इस जांच से डॉक्टर पता लगा सकते हैं कि कौन से व्यक्ति में खतरा ज्यादा हो सकता है

ताकि लोग बालों के झड़ने की समस्या को हल्के में ना लें