कर्म के देवता शनि देव 29 जून 2024 को वक्री हो चुके हैं.



क्या आप जानते हैं कि शनि का वक्री होना आखिर होता क्या है?



ज्योतिष के अनुसार शनि व्रकी होकर उल्टी चाल चलने लगते हैं.



वहीं वक्री अवस्था में ग्रह पीड़ित हो जाते हैं,
इसलिए उनका प्रभाव कम होता है.


इसलिए माना जाता है कि उल्टी चलने या वक्री अवस्था
में शनि अधिक कष्टकारी होते हैं.


खगोलीय दृष्टि से वक्री का अर्थ है परिक्रमण मार्ग से
विपरीत दिशा या पीछे की ओर बढ़ना.


हालांकि वक्री अवस्था में शनि सभी के लिए
कष्टकारी साबित नहीं होते.


जिनपर साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही होती है,
उनके लिए शनि वक्री खतरनाक है.


फिलहाल मकर, कुंभ और मीन पर
शनि की साढ़ेसाती चल रही है.


वहीं कर्क और वृश्चिक राशि वाले लोग शनि ढैय्या से पीड़ित हैं.