साउथ दिल्ली के असोला-फतेहपुर बेरी इलाके की पहचान पहलवानों के गांव के रुप में है

यहां के गांव में बहुत से युवा पुरुष घर में कम और जिम या अखाड़े में ज्यादा रहते हैं

यहां के लोग बाउंसर बनने के सपने देखते हैं

असोला-फतेहपुर गांव की कुल आबादी करीब 3500 होगी

बचपन से ही इन लोगों का एकमात्र लक्ष्य सिक्यॉरिटी की नौकरी होती है

गांव में इस समय तकरीबन 200 बच्चे कुश्ती की क्लास ले रहे हैं

सारा गांव तंबाकू और शराब से दूर रहता है

बाउंसर्स दिन में दो बार एक्सरसाइज करते हैं और अपनी बॉडी को बेहद सजग रखते हैं

कुछ युवक यहां कुश्ती करके ओलिंपिक की तैयारी भी कर रहे हैं

सभी लड़के एक दिन में 3-4 लीटर दूध, एक दर्जन केले और आधा किलो चीकू खाते हैं

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