प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है



इन नदियों के मिलन स्थल को त्रिवेणी संगम कहा जाता है



कुंभ मेला हर 12 साल में एक बार प्रयागराज में आयोजित होता है



पहला कुंभ मेला राजा हर्षवर्धन के शासनकाल में आयोजित हुआ था



यह आयोजन 606-647 ई. के बीच हुआ था



प्रसिद्ध यात्री ह्वेन त्सांग ने अपने यात्रा वृत्तांत में इस मेलें का जिक्र किया था



कुंभ मेले के वर्तमान स्वरूप का श्रेय आदि शंकराचार्य को दिया जाता है



आदि शंकराचार्य एक प्रसिद्ध हिंदू दार्शनिक और धर्मगुरु थे



उन्होंने हिंदू धर्म की पुनःस्थापना के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए



उनका जन्म 788 ई. में हुआ था और उन्होंने कुंभ मेले के आयोजन को व्यवस्थित किया.