प्रयागराज में स्थित समुद्र कूप एक प्रमुख आकर्षण है



यह कूप गुप्त काल के उल्टा किला में मौजूद है जो पुरानी झूंसी के पास है



समुद्र कूप को ऐतिहासिक और पौराणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है



कहा जाता है कि यह कुआं समुद्र से जुड़ा हुआ है जिससे पानी जस का तस रहता है



समुद्र गुप्त ने मथुरा, काशी, उज्जैन और पटना में भी इसी तरह के कुएं बनवाए थे



इस कूप की गहराई के बारे में कोई जानकारी नहीं है और यह रहस्य बना हुआ है



कुछ लोग मानते हैं कि यहां समुद्र का पानी आता है जबकि कुछ का कहना है कि पानी गंगा से आता है



माघ मेले और कुंभ के दौरान श्रद्धालु इस कूप की परिक्रमा करते हैं



श्रद्धालु इस कूप में सिक्के डालते हैं मान्यता है कि इससे अगले जन्म में कई गुना सिक्के मिलते हैं



यह कूप प्रयागराज के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाता है