भारत में एक ऐसी जगह है जहां कलयुग का प्रभाव नहीं पहुंचा और यह स्थान है नैमिषारण्य

नैमिषारण्य को तीर्थों में सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ माना जाता है जहां बिना दर्शन के चार धाम यात्रा अधूरी मानी जाती है

इस स्थान का उल्लेख वेद, पुराण और अन्य हिंदू धर्मग्रंथों में मिलता है जैसे श्रीमद्भागवत महापुराण, महाभारत, और शिव पुराण

महाभारत काल में युधिष्ठिर और अर्जुन भी यहां आए थे और 88 हजार ऋषि-मुनियों ने यहां कठोर तपस्या की थी

नैमिषारण्य को तपोभूमि के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यहां महान तपस्वियों ने साधना की

यह स्थान उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में गोमती नदी के किनारे स्थित है लखनऊ से केवल 80 किलोमीटर दूर

यहां के प्रमुख आकर्षणों में चक्रतीर्थी, भूतेश्वरनाथ मंदिर, और पंचप्रयाग शामिल हैं

चक्रतीर्थ सरोवर एक गोलाकार जलाशय है जहां श्रद्धालु स्नान करते हैं और परिक्रमा करते हैं

नैमिषारण्य का जिक्र वाल्मीकि रामायण और महाभारत में भी किया गया है

ब्रह्मा जी ने इस स्थान को ध्यान और योग के लिए सर्वोत्तम बताया था.