यह विशालकाय वृक्ष हजारों वर्षों से अपना आशीर्वाद देता आ रहा है.



मान्यता है कि इस वृक्ष के नीचे आते ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.



आइए जानते हैं कि ये चमत्कारिक वृक्ष किस शहर में है और



क्यों लोग यहां दर्शन को दौड़े आते हैं.



कहते हैं समुद्र मंथन के समय समुद्र से 14 रत्न निकले थे, जिसमें से कल्प वृक्ष एक रत्न था.



भगवान श्रीकृष्ण अपनी पत्नी सत्यभामा की इच्छा को



पूरा करने के लिए इस कल्पवृक्ष को धरती पर लाए थे.



कहा यह भी जाता है कि कल्पवृक्ष, भगवान कृष्ण का ही अवतार है.



कल्पवृक्ष की उम्र के बारे में कहा जाता है यह करीब 1000 साल का है.



कल्पवृक्ष उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के संरक्षण में है.



कल्पवृक्ष को कल्पतरु, सुरतरु, देवतरु और कल्पलता जैसे नामों से भी जाना जाता है.



इस वृक्ष से 24 घंटे ऑक्सीजन पैदा होती है.