उत्तरकाशी में बन रही टनल को पहले भी बनाने की कोशिश की गई थी

किसी ना किसी वजह से ये काम शुरू नहीं हो पाया था

उत्तरकाशी में टनल में फंसे मजदूरों को आज 15 दिन बीत चुके हैं लेकिन उनके बाहर निकलने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है

अब केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने देश में बन रही 29 टनलो का सेफ्टी रिव्यू करने का फेसला लिया है

60 साल पहले भी इस जगह पर टनल बनाने के लिए सर्वे किया था

लेकिन पानी का स्रोत मिलने के कारण इसका काम आगे नहीं बढ़ पाया था

वहीं, ये सोचने वाली बात है की सिल्कियारा टनल आखिर धंसी क्यों हैं

बता दें, उत्तराखंड के पहाड़ छोटे-छोटे पत्थरों से व मिट्टी से जुड़कर बने हुए हैं

यहां के पहाड़ इतने मजबूत नहीं है दूसरी बात यहां पानी के स्रोत मिलना पहाड़ों के अंदर आम बात है

इसलिए हाथ से यहां के पहाड़ों पर खुदाई के काम होने से कई जगहों पर परेशानी बनती है