बैंड-बाजे की धुन पर नाचे गाते बाराती, घोड़े पर बैठा दूल्हा इंतजार करती दुल्हनें ये नजारा अपने हर शादी में देखा होगा

क्या आप ऐसी शादी में गए हो, जहां दूल्हा-दुल्हन मेंढक-मेढकी बने हो

जी हां, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक ऐसा रिवाज है

यहां मेंढकों की शादी होती है

इस शादी में शामिल होकर लोग अपने आप को भाग्यशाली मानते है

भीषण गर्मियों के ताप को झेल रहे काशी वासियों ने भगवान इंद्र को प्रसन्न करने और बारिश के लिए अनूठा आयोजन किया है

लोगों ने मिसिर बाबा के मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज के साथ मेंढक और मेढकी के प्रतीकात्मक स्वरूप की शादी कराई है

ताकि सूखी और बंजर धरती पर बारिश की बूंद बरस सके

मेंढक और मेंढकी की शादी से पहले उन्हें स्नान कराया जाता है और फिर उन्हें कपड़े और आभूषण पहनाए जाते हैं

अनुष्ठान खत्म होने के बाद मेंढक और मेंढकी को पानी में छोड़ दिया जाता है