8 जनवरी 1952 को कर्नाटक के गांव गोपिनाथम में वीरप्पन का जन्म हुआ था

वीरप्पन का असली नाम मुनिस्वामी वीरप्पन था

उसने हाथी दांत के लिए सैकड़ों हाथियों की हत्या कर दी थी

वह चन्दन तस्करी के लिए करीब 150 से अधिक लोगों की हत्या करने वाला खूंखार डाकू था

उसकी यादें आज भी तमिलनाडु के लोगों की जहन में जिंदा हैं

साल 2000 में उसने मशहूर फिल्म अभिनेता राज कुमार का अपहरण कर लिया

उसने तमिलनाडु और कर्नाटक दोनों ही सरकारों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था

18 अक्टूबर 2004 को STF को पता चला कि वह अपनी आंख का इलाज कराने के लिए जंगल से बाहर आ रहा है

तय योजना के अनुसार एसटीएफ ने उसे चारों तरफ से घेर लिया

करीब 20 मिनट तक चली इस फायरिंग में चन्दन का सबसे बड़ा तस्कर वीरप्पन मारा गया.