फिल्में सिर्फ तीन चीजों की वजह से चलती हैं...एंटरटेनमेंट, एंटरटेनमेंट, एंटरटेनमेंट... और मैं एंटरटेनमेंट हूं
टच तो बहुतों ने किया है ... पर छुआ किसी ने नहीं
गुड मॉर्निंग...मुंबई
जब जिंदगी एक बार मिली है तो... दो बार क्यों सोचे
मैं चाहती हूं की तुम चाहो की तुम ना जाओ
जब से तुमको जाना है, तब से तुमको चाहा है...
मैं सिल्क हूं, सिल्क...कोई फिल्म नहीं जो इंटरवल के बाद बदल जाऊंगी