विजया एकादशी व्रत 16 फरवरी 2023 को रखा जाएगा इस दिन श्रीहरि विष्णु और उनके अवतार भगवान राम की पूजा करें

फाल्गुन कृष्ण पक्ष की विजया एकादशी तिथि 16 फरवरी को सुबह 05.32 मिनट से 17 फरवरी सुबह 02.49 तक है.

विजया एकादशी व्रत का पारण 17 फरवरी को सुबह 08.01 से सुबह 09.13 मिनट तक किया जाएगा.

एकादशी की पूजा में श्रीहरि को गलती से भी चावल न चढ़ाएं विष्णु जी की पूजा में चावल वर्जित है.

विजया एकादशी व्रत के दिन तुलसी को जल न चढ़ाएं, क्योंकि इस दिन तुलसी माता भी एकादशी का व्रत करती हैं.

विजया एकादशी का व्रत शत्रु पर विजय प्राप्ति के लिए किया जाता है. लंका पर चढ़ाई से पहले श्रीराम ने भी ये व्रत किया था.

इस दिन ॐ श्री लक्ष्मीनृसिंहाय नम: मंत्र का 108 बार जाप करें. इससे हर शत्रु बाधा दूर होगी. कार्य संपन्न होंगे

विजया एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि के दिन ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद करें. इससे व्रत का शीघ्र फल मिलेगा.

एकादशी के दिन देवी लक्ष्मी को 11 कौड़ियां हल्दी में रंगकर चढ़ाने से धन संबंधी समस्या का समाधान होता है.

ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम: विजया एकादशी पर इस मंत्र के जाप से हर कष्ट, दुख, दरिद्रता खत्म होती है. जीवन में खुशियां आती है.