कई खिलाड़ी खेलते समय अपने होंठ और गाल पर कुछ सफेद-सफेद लगाते हैं

आम तौर पर लोग जानते हैं कि ये सनस्क्रीन होती है

ये धूप से बचने के लिए यूज की जाती है

लेकिन, आपको बता दें कि ये कोई आम सनस्क्रीन नहीं होती है

ये आम सनस्क्रीन से अलग जिंक ऑक्साइड होती है

इससे स्किन को धूप से बचाया जाता है

इससे स्किन को सूर्य से निकलने वाली हानिकारक किरणों से बचाया जा सकता है

ये फिजिकल सनस्क्रीन होती है जो रिफलेक्टर का काम करती है

और जब खिलाड़ी 5-6 घंटे तक धूप में खड़े रहते हैं

तो ये सनस्क्रीन उन जगहों की स्किन को बचाती है जो धूप से सीधे संपर्क में आती है.