अपने हिंदी का मशहूर मुहावरा तो सुना होगा- बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बंदर को अदरक का स्वाद क्यों नहीं समझ आता. बंदर जंगल के अनेक वनस्पतियों, पेड़-पौधों से भलीभांति परिचित होता है, लेकिन तब भी वो अदरक के स्वाद को नहीं समझ पाता. अदरक एक प्रकार का भूमिगत तना होता है. उसका अपना विशिष्ट स्वाद होता है. अदरक न तो कड़वा, न खट्टा या तीखा होता है. इसका उपयोग मनुष्य तो अपने हिसाब से कर लेते है, लेकिन बंदर उसको खाने की बजाय फेंक देता है. जबकि, अदरक खाने के कई फायदे होते है.