रूस और यूक्रेन की जंग को डेढ़ साल से ज्यादा समय हो चुका है, लेकिन ये खत्म नहीं हो रही.



इस जंग में 6 जून को यूक्रेन के सबसे बड़े बांध में से एक नोवा काखोवका पर हमला हुआ.



हमले से नोवा काखोवका बांध टूट गया, जिसके बाद यूक्रेन के कई शहरों में बाढ़ आ गई.



बांध टूटने से वहां 42 हजार लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ गई है, कई लोग लापता भी हो चुके हैं.



आनन-फानन में यूक्रेन और रूस की सेनाएं अपने-अपने कब्जे वाले हिस्से में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं.



दोनों देशों ने एक-दूसरे पर नोवा काखोवका बांध को तोड़ने के आरोप लगाए हैं.



बता दें कि युद्ध के दौरान डैम यानी बांध पर किए जाने वाले हमलों को डैम वॉरफेयर कहा जाता है.



85 साल पहले चीन-जापान की जंग के दौरान डैम वॉरफेयर के चलते 1 लाख से ज्यादा चीनी नागरिक मारे गए थे.



डैम वॉरफेयर 1400 साल पहले शुरू हुआ था. सबसे पहले पर्शिया (ईरान) के राजा साइरस ने ऐसा किया था.



रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को भी डैम वॉरफेयर का खतरा है.



दरअसल, चीन ने 2016 में ब्रह्मपुत्र नदी पर हाइड्रोइलेक्ट्रिक बांध बनाने की घोषणा की थी.



चीन का वो बांध बहुत बड़ा है, यदि युद्ध के दौरान चीन अपने उस बांध को तोड़ देगा तो भारत के कई इलाके डूब जाएंगे.