लक्षद्वीप भारत का सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश है

जिसमें 36 द्वीप हैं और इसका क्षेत्रफल 32 वर्ग किमी है

इसका प्रारंभिक इतिहास अलिखित है

यहां पहली बसावट का श्रेय केरल के अंतिम राजा चेरामन पेरुमल के काल को है

कहा जाता है कुछ व्यापारी इस्लाम में परिवर्तित होने के बाद मक्का के लिए निकल गए

उनके लापता होने पर खोजी दल नौकाओं में तलाश के लिए मक्का के लिए रवाना हो गए

माना जाता है कन्नानोर के राजा की नौका तूफान में बर्बाद हो गई थी

इसे अब बंगाराम के नाम से जाना जाता है

मौसम में सुधार होने के बाद वह वहां से अन्य द्वीपों को देखते हुए मुख्य भूमि आ गए

उनके लौटने के बाद नाविकों और सैनिकों के दल ने अमिनी द्वीप की खोज की और वहां रहने लगे