मुस्लिम धर्म के लोग नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद में जाते हैं मस्जिद के ऊपरी हिस्से पर ऊंची-ऊंची मीनारें भी होती हैं माना जाता है कि मीनारें अजान देने के लिए होती हैं कोई कहता है कि मीनारें 'इस्लाम के मील के पत्थर' का प्रतीक हैं आइए जानते हैं कि मस्जिद में पांच मीनारें होने का क्या मतलब है ये मीनारें इस्लाम के पांच स्तंभों नमाज, रोजी, जकात, तौहीद और हज की प्रतीक हैं अयोध्या में बन रही धन्नीपुर मस्जिद में भी पांच मीनारें होंगी दिल्ली की जामा मस्जिद में दो मीनारें हैं मस्जिद में मीनारों की कोई निश्चित संख्या नहीं होती है अलग-अलग मस्जिदों में मीनारों की ऊंचाई भिन्न-भिन्न होती है