ये बात तो सभी जानते हैं कि महिलाओं को तरीफें, गिफ्ट, कपड़े, गहने काफी पसंद आते हैं लेकिन असल में महिलाएं दुनिया और समाज से क्या उम्मीद करती हैं? इस बारे में कोई बात नहीं करना चाहता मनोवैज्ञानिकों की मानें तो महिलाओं को अटेंशन तो पंसद है, लेकिन इंटरफेयरेंस बिल्कुल पसंद नहीं जब महिलाएं किसी बात से परेशान होती हैं तो बिना किसी एडवाइज के उनकी बात बस ध्यान से सुन ली जाए एक बार टेंशन फ्री होने के बाद महिलाएं अपनी दिक्कतें खुद सुलझा लेती हैं, लेकिन उन्हें मॉरल सपोर्ट की हमेशा तलाश होती है महिलाएं अपने मन की करना चाहती हैं. घर और समाज का सम्मान-सहयोग, अपनी इच्छा पूरी करते हुए खुद के दम पर लाइफ का हर फैसला लेना चाहती हैं पूरी दुनिया में टॉप लीडरशिप पोजीशन पर महिलाओं का काबिज होना, दूसरी महिलाओं को सशक्त कर सकता है महिलाओं के ज्यादा परिधानों में जेबें नहीं होतीं. इसलिए हर परिधान में जेबें और उन जेबों में फिट होने वाली मनी पर्स भी आने चाहिए महिलाओं का सबसे बड़ा सपना है कि वो पुरुषों की तरह सुरक्षित महसूस करते हुआ रात में भी आवाजाही कर सकें सस्ते और अच्छी क्वालिटी के सैनटरी पैड तक यूनिवर्सल पहुंच और सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग भी आज महिलाओं की बेसिक नीड है महिलाएं भी इंसान ही हैं. उन्हें परिवार-समाज में बराबरी का दर्ज दें. ताकत, कमजोरी, अच्छाई और बुराईयों को लिंग के आधार पर जज ना करें महिलाओं को सहयोग और सराहना की जाए तो दुनिया की हर जंग लड़ सकती हैं और शांति दूत बनकर हर जंग रोक भी सकती हैं एक महिला की तरक्की में एक समाज की तरक्की भी होती है, इसलिए महिलाओं की जीत-खुशी में सहमति जताएं और लोगों को उंगली उठाने से रोकें पैसा, प्यार और सम्मान मिलने पर महिलाएं इसे चार गुना करके वापस लौटाती हैं, लेकिन उनका अपमान भी पूरे समाज को भारी पड़ सकता है