महात्मा गांधी ने 6 अप्रैल 1930 को नमक सत्याग्रह की शुरुआत की थी

मार्च 1930 में नमक पर कर लगाए जाने पर गांधी ने इस इस सत्याग्रह की शुरुआत की

नमक कर लगाए जाने के विरोध में 12 मार्च से 16 अप्रैल तक नमक सत्याग्रह चलाया था

इस सत्याग्रह के लिए उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ अहमदाबाद से दांडी तक की यात्रा की थी

गांधी ने इस सत्याग्रह की शुरुआत इसलिए किया था कि लोग खुद से नमक उत्पन्न कर सकें

समुद्र की ओर इस सत्याग्रह में हजारों भारतीयों ने भाग लिया था

नमक सत्याग्रह में गांधी ने मुट्ठी भर नमक उठाकर ब्रिटिश सरकार के खिलाफ बिगुल बजाया था

नमक सत्याग्राह ने अंग्रेजों को हिला कर रख दिया था

नमक सत्याग्रह अंग्रेजों के खिलाफ सबसे सफल सत्याग्रह साबित हुआ

इस सत्याग्रह में अंग्रेजों ने 80,000 से अधिक लोगों को जेल भेजा था

उस समय दांडी गांव में नमक का निर्माण कुदरती तौर पर होता था

इसलिए महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह के लिए इस गांव को चुना था