पारसी समुदाय का पवित्र पूजा स्थल दार-ए-मेहर है

इसे अग्नि मंदिर भी कहते है जहां अखंड ज्योति जलती रहती है

ये उच्च न्यायालय के पास एमजी मार्ग पर स्थित है

यह इमारत हरे-भरे बगीचे से घिरी हुई है

इस मंदिर की शिला पट्टिका पर एक अंकित है

दार-ए-मेहर की आधारशिला बुर्जोरजी जे दलाल ने 25 मार्च 1928 को रखी थी

यह पारसी मंदिर 78 वर्ष पुराना है

इसकी छत पर पंखदार मानव आकृति भी है जो पारसी धर्म का प्रतीक है

इसे आशो फरोहर के नाम से जाना जाता है

पारसी सदस्य पूजा करने, विवाह या मौज का जश्न मनाने मंदिर जाते है.