औरंगजेब के मकबरे को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा दिया गया है

अब एएसआई इसकी देखभाल करता है

खुल्दाबाद को तमाम सूफी संत काफी पवित्र जगह मानते थे

औरंगजेब की कब्र भी यहीं पर हैं

कई सूफी संतों की कब्र यहीं बनी

औरंगजेब के सूफी संत सैय्यद जैनुद्दीन की कब्र भी यहीं है

औरंगजेब ने वसीयत कि थी मुझे अपने पीर की कब्र के पाल ही दफनाया जाए

उन्होंने ये भी लिखा कि उनकी कब्र को सजाया न जाए और उसे खुले में रखा जाए

ये भी लिखा कि उनके मकबरे में किसी भी तरह का कोई बड़ा निर्माण नहीं किया जाए

खुल्दाबाद में कई सूफी संतों के अलावा कई रईसों को भी दफनाया गया है