15 अगस्त को आजादी वाले दिन गांधीजी कहां थे?



15 अगस्त 1947 को अंग्रेजी हुकूमत से भारत को मिली थी आजादी



आजादी के समय बंटवारे की आग में जल रहा था भारत



पूरे देश में हिंदु-मुस्लिम सांप्रदायिक दंगे में चल रहे थे



इस बीच महात्मा गांधी नोआखाली जाते वक्त कलकत्ता रुक गए



कलकत्ता में भी उन दिनों सांप्रदायिक दंगो को माहौल था



गांधी जी हिंदु-मुस्लिम के बीच दंगे रोक कर शांति स्थापित करना चाहते थे



14 अगस्त की आधी रात 12 बजे जब जवाहर लाल नेहरु दिल्ली में भाषण दे रहे थे



तब महात्मा गांधी कलकत्ता के हैदरी मंजिल मे एक अंधेरे कमरे में सो रहे थे



गांधीजी ने 15 अगस्त को कलकत्ता में हिंदू-मुस्लिम को कर दिया था एक