बादशाह अकबर के न्याय की चर्चा अक्सर होती है

तो वहीं जहांगीरी घंटा भी जरूर चर्चा में आ जाता है

इतिहासकार राजकिशोर अपनी किताब में जहांगीर के बारे में लिखते हैं कि...

वह मंगलवार को जनता की शिकायतें सुनता था

अमीर खुसरो ने नूह-ए-सिपिहर किताब में सोने के घंटा का जिक्र किया है

उन्होंने लिखा है कि जहांगीर जनता की पुकार सुनने के लिए सोने का जंजीर बनवाया था

उसने 60 घंटियों वाली छह मन सोने की एक जंजीर आगरा किले में लगवाया था

इसे शाह बुर्ज के नीचे यमुना की ओर लटका कर रखी गई थी

जनता मुश्किल समय में अपनी गुहार लगाने के लिए जंजीर खींचकर घंटा बजाती थी

इसी जंजीर को आगे चलकर न्याय की जंजीर के नाम से जाना गया

मुगल बादशाह जहांगीर को न्याय की जंजीर के लिए भी याद किया जाता है