आदि शंकराचार्य ने भारत की चारों दिशाओं में चार मठों की स्थापना की थी इन चारों मठों में उत्तर के बद्रिकाश्रम का ज्योर्तिमठ, दक्षिण का शृंगेरी मठ पूर्व में जगन्नाथपुरी का गोवर्धन मठ और पश्चिम में द्वारका का शारदा मठ है मठ के प्रमुख को मठाधीश कहा जाता है मठाधीश को ही शंकराचार्य की उपाधि दी जाती है वर्तमान में पश्चिम (शारदा)पीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती हैं उत्तर पीठ (ज्योतिष)के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती हैं पूर्व पीठ (गोवर्धन)के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती हैं दक्षिण पीठ(श्रृंगेरी) के शंकराचार्य भारती तीर्थ जी हैं शंकराचार्य की हैसियत सनातन धर्म के सबसे बड़े गुरु की होती है