कुछ नंबरों को लेकर अवधारणाएं होती हैं जैसे 11 अंक को शुभ माना जाता है वैसे ही एक अंक है 786 इस अंक का इस्लाम धर्म मानने वालों में विशेष महत्व है मुस्लिम लोग बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम की जगह 786 लिखते हैं बिस्मिल्लाह यानी अल्लाह दरअसल, बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम का जोड़ 786 बनता है इसीलिए इस अंक को पाक माना जाता है इसका इस्तेमाल शुभ अवसरों पर किया जाता है हालांकि, इस्लाम धर्म के विद्वान 786 को लेकर अलग-अलग मत रखते हैं