सम्राट अशोक मौर्य राजवंश का सबसे शक्तिशाली तीसरे शासक थे

भारत के इतिहास में उन्हें महान शासक के रूप में गिना जाता है

उनका शासनकाल 268 से 232 ईसा पूर्व माना जाता है

सम्राट अशोक के समय में भारत एक ‘अखंड भारत’ था

कलिंग युद्ध में अपने सैन्य अभियानों के कारण हुए रक्तपात से उन्हें बहुत दुख हुआ

इस पीड़ा को देखकर उनका हृदय परिवर्तित हो गया

उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया और बौद्ध धर्म के प्रबल समर्थक बन गए

सम्राट अशोक के गुरु का नाम उपगुप्त एक प्रसिद्ध बौद्ध भिक्षु था

बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए उन्होंने अपने पुत्र और बेटी को दूसरे देश तक भेजा

सम्राट अशोक अपने शिलालेख के कारण भी जाने जाते हैं