अकबर के पिता हुमायूं के मौत के बाद मुगल सल्तनत पर खतरा मंडराने लगा

उस वक्त बैरम खान पर सल्तनत और शहजादे अकबर दोनों की रक्षा करने की जिम्मेदारी थी

बैरम खान ने अकबर को मात्र 14 साल की उम्र में गद्दी पर बैठा दिया

मुगल सल्तनत के सिपहसालार बैरम खान ने अकबर को ताज पहनाया

मुगलिया सल्तनत को बचाने में बैरम खान की बहुत अहम भूमिका है

अकबर बैरम खान को बहुत मानता था

ये बात अकबर की दूध माता माहम अनगा को पसंद नहीं आती थी

इसलिए वह हमेशा बैरम खान के खिलाफ साजिश करती रहती थी

इन्हीं साजिशों में आकर अकबर ने बैरम खान को हज यात्रा पर जाने का आदेश दे दिया

जहां 1561 में गुजरात के पाटन नगर में हत्या करवा दी गई

कुछ इतिहासकारों का कहना है कि बैरम खान की हत्या अकबर ने ही करवाई थी