इस्लाम में शराब को हराम माना जाता है

कुरान शरीफ में शराब को गलत बताया गया है

इस्लाम में इसका कारोबार करने पर भी रोक है

इस्लाम में शराब को बुराइयों की कुंजी बताया गया है

कुरान शरीफ की आयत 5.90 के मुताबिक शराब पीना शैतानी काम है

क्योंकि शराब पीने के बाद इंसान अपने आप पर काबू नहीं रख पाता है

इस्लाम के मुताबिक जो शराब बेचते हैं वह भी गुनहगार होते हैं

इसके साथ ही किसी दूसरे के लिए शराब खरीदना भी हराम काम है

इसको पीने से कई प्रकार की बीमारियां भी सकती हैं

इन सब से बचाव के लिए ही इस्लाम शराब पीने से रोकता है