1526 में पानीपत के युद्ध में बाबर ने इब्राहीम लोदी को हराया

इसके बाद बाबर ने आगरा रुख किया

उसने यमुना पार चारबाग और आराम बाग बनवाए थे

साल 1530 में बाबर की मृत्यु हो गई थी

बाबर को आगरा में चौबुर्जी में दफन किया गया था

छह माह बाद उसके शव को काबुल ले जाकर दफन किया गया था

रामबाग को बाबर का दफन स्थान बताया जाता है

इस स्थान का उपयोग ब्रिटिश लोग निवास स्थान के रूप में करते थे

बाबर का मकबरा इस समय भी काबुल में है

बाबर को शक्तिशाली मुगल बादशाह के रूप में जाना जाता है