कई हजारों साल पहले बीयर ट्रांसपेरेंट बोतल में आती थी

ऐसे में सूर्य की किरणों से यूवी रेस इसमें मौजूद एसिड को खराब कर रही थी

इस कारण बीयर में बदबू आने लगती थी जिस कारण लोग उसे पीते नहीं थे

इस समस्या का हल ढूंढते हुए भूरे रंग की बोतल चुनी गई

देखा गया इन बोतलों में बीयर खराब नहीं हुई

साथ ही इन पर सूरज की किरणों का कोई असर नहीं हुआ

इसी कारण से क्लोरोफॉर्म को भी भूरे रंग की शीशी में रखा जाता है

वही दूसरे विश्व युद्ध में बीयर बोतल हरे रंग की थी

इस दौरान भूरे रंग की बोतलों का अकाल पड़ गया था

ऐसे में हरे रंग की बोतल पर सूरज का असर नहीं दिखा और इन्हें चुना गया.