जहांगीरी घंटा मुगल बादशाह जहांगीर ने बनवाया था वह मुगल सल्तनत का चौथा बादशाह था जहांगीर को न्याय की जंजीर के लिए जाना जाता था दरअसल उसने जनता की फरियाद सुनने के लिए जहांगीरी घंटा का निर्माण करवाया था सोने की जंजीर में 60 घंटियां लगी थी जिसे आगे चलकर न्याय की जंजीर के नाम से जाना गया इस जंजीर के जरिए फरियादी कठिन समय में अपनी आवाज बादशाह तक पहुंचाते थे इसको कोई भी बजा सकता था और बादशाह खुद न्याय करने पहुंचता था एक रिपोर्ट के मुताबिक जहांगीरी घंटे की जंजीर 240 ग्राम सोने से बनी थी जहां जहांगीरी घंटा था वहां बाद में शाहजहां ने मुसम्मन बुर्ज बनवा दिया था शाहजहां को जब कैद कर लिया गया था तब वह मुसम्मन बुर्ज से ही ताजमहल का दीदार किया करते थे