हिन्दुस्तान की समृद्धि की वजह से इसे सोने की चिड़िया कहा जाता था

विदेशी यात्री मुगलों के रुतबे को देखकर चौंक जाते थे

इसी समृद्धि को देखकर मुगल भी भारत पहुंचे थे

उन्हें मुगलों का खजाना कोई कारखाना सा लगता था

मगर खजाने से दिन-रात धुआं क्यों निकलता था?

इसका जिक्र आइन-ए-अकबरी में मिलता है

मुगलों के खजाने में कई लोग काम करते थे

यहां सोने-चांदी के सिक्के और मुहरें बनाए जाते थे

इसके लिए धातुओं को गलाया जाता था

इस वजह से इसकी चिमनी से दिन-रात धुआं निकलता था