नवजात शिशु पैदा होते ही रोते हैं

इसका वैज्ञानिक कारण है

जब बच्चा मां के पेट में होता है तो एक पैकेट में बंद होता है

उस पैकेट के अंदर एक खास तरह का लिक्विड होता है

बच्चे के फेफड़े तो बन जाते हैं लेकिन काम नहीं करते हैं

उस समय बच्चे को जीवित रहने के लिए मुंह या नाक से सांस नहीं लेता है

तो यह लिक्विड बच्चे के फेफड़ों में भर जाता है

बच्चे के जन्म लेते ही उसके पैरों को पकड़कर उल्टा लटका दिया जाता है

ऐसा करने से उसके फेफड़ों में भरा लिक्विड निकल जाता है

बच्चा सांस लेना शुरू कर देता है