केक पर लगी मोमबत्तियों को बुझाने का चलन काफी पहले से चला आ रहा है इस रिवाज की शुरूआत प्राचीन ग्रीस (यूनान) में मानी जाती है ऐसा वहां की चंद्रमा की देवी आर्टेमिस को खुश करने के लिए किया जाता है गोल केक चंद्रमा का चिन्ह होता था जलती हुई मोमबत्तियां उस चंद्रमा की चांदनी की तरह लगती है ग्रीक भगवान का चिह्न बनाकर फिर इन मोमबत्तियों को बुझाया जाता था माना जाता है कि ये धुआं उड़ता हुआ भगवान के पास जाता है यूनानी सभ्यता में मोमबत्ती का धुंआ काफी शुभ माना जाता है भारत में मोमबत्तियों को बुझाने का चलन विदेशी लाएं थे हालांकि, भारत में कुछ लोग मोमबत्ती को बुझाना अशुभ मानते हैं