महाभारत में जुए के खेल में युधिष्टिर अपना सबकुछ हार गए थे

कुटिल शकुनि ने द्रौपदी को भी दांव में जीत लिया

दुर्योधन ने अपने भाई दुशासन को द्रौपदी का चीर हरण करने का आदेश दिया

दुशासन सभा में बालों से पकड़कर द्रौपदी को घसीट कर लाता है

द्रौपदी का भरे दरबार में भयंकर अपमान किया जाता है

पांडव, द्रोणाचार्य, भीष्म पितामह आदि कोई भी इस घिनौने कृत्य को नहीं रोक पाता है

अंत में कृष्ण ने द्रौपदी की लाज बचा ली थी

द्रौपदी ने दुर्व्यवहार करने वालों के खिलाफ प्रण लिया

उसने कसम खाई कि वो दुशासन के खू़न से बाल धोने के बाद ही अपने बाल बांधेगी

इस प्रण के चलते उन्होंने पूरे 13 साल तक बाल नहीं बांधे थे