गांधारी भगवान शिव की परम भक्त थीं

उसने भगवान शिव से अनोखा वचन पाया था

वह जिस किसी को भी नग्नावस्था में देखती, उसका शरीर वज्र का हो जाता

भीम से युद्ध से पहले गांधारी ने दुर्योधन के शरीर को वज्र का करना चाहा

हालांकि, कृष्ण के बहकावे के कारण दुर्योधन ने अपने गुप्तांग को पत्तों से छिपा लिया था

इसके चलते उसके गुप्तांग और जांघें वज्र के समान नहीं बन पाए

गांधारी इस बात से बेहद दुखी हुई

उसने दोबारा अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली

दुर्योधन को यकीन था कि भीम उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा

अंत में भीम दुर्योधन की जंघा उखाड़कर उसका वध कर देता है