रामायण के एक प्रसंग के अनुसार,



लक्ष्मण ने निद्रा देवी से 14 साल तक निद्रा मुक्त रहने का वरदान मांगा था.



लक्ष्मण ने अपने भाई श्रीराम और भाभी सीता की सुरक्षा और सेवा में 14 वर्ष तक सोना नहीं चाहा.



वनवास की पहली रात को जब राम और सीता सो रहे थे, तो निद्रा देवी लक्ष्मण के सपने में आईं.



लक्ष्मण ने निद्रा देवी से 14 साल तक निद्रा मुक्त रहने का वरदान मांगा.



निद्रा देवी ने उनकी भक्ति से प्रभावित होकर, सहमति दे दी.



निद्रा देवी ने शर्त रखी कि लक्ष्मण की नींद किसी और को लेनी होगी.



लक्ष्मण ने कहा कि उनकी पत्नी को उनके हिस्से की नींद दे दी जाए.