चंदा मामा दूर के और चंदा मामा की बारात और ऐसी न जाने कितनी कविताएं हैं बाल कविताओं में अक्सर ही चांद का जिक्र बच्चों के मामा के तौर पर किया गया है दादी, नानी या मां बचपन में चंदा मामा की कहानियां सुनाती थीं खुले आसमान के नीचे सोने के समय अक्सर वो हमें चांद की कहानियां या लोरियां सुनाती थीं बच्चों में देखा गया है कि उनका लगाव चांद से बहुत ज्यादा होता है बच्चे अक्सर चांद को बहुत ही प्यार से निहारने लगते हैं चांद को मामा कहने के पीछे धार्मिक और भौगोलिक कारण हैं चांद को लक्ष्मी का भाई माना जाता है और लक्ष्मी को माता इसलिए चांद के साथ रिश्ता मामा वाला होता है यही कारण है कि चांद को मामा कहा जाता है