अक्सर पार्टी में लोग जाम टकराते हुए चीयर्स बोलते हैं

जाम से जाम टकराकर चीयर्स बोलने को लेकर अलग-अलग धारणा है

एक धारणा इस शब्द के जरिए इंद्रियों को मिलने वाले सुकून को लेकर है

कहा जाता है कि शराब पीते हुए शरीर की चार इन्द्रिया सुख लेती हैं

नाक, जीभ, आंख और त्वचा के जरिए शराब की खुशबू, स्वाद, स्पर्श होता है

लेकिन पांचवी इन्द्री यानी कि कान इसके सुख से वंचित रह जाता है

पांचवी इंद्री को शराब का एहसास कराने के लिए चीयर्स बोला जाता है

एक अवधरणा है कि चीयर्स बोलने से नकारात्मकता खत्म होती है

चीयर्स कहने से पार्टी एन्जॉय करने का माहौल भी बनता है

साथ ही ये भी कहा जाता है कि ऐसा करने से बुराइयां भी नजदीक नहीं आती हैं