15 अगस्त को एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी दिल्ली के लाल किले से झंडा फहराएंगे

आजादी के बाद से ही लाल किले पर झंडा फहराने की परंपरा रही है

लाल किले से ही पीएम देश को संबोधित करते हैं

एक सवाल उठता है कि लाल किले से ही पीएम तिरंगा क्यों फहराते हैं

आजादी के जश्न के लिए आखिर लाल किले को ही क्यों चुना गया

दरअसल इसकी कोई सटीक वजह नहीं है या फिर कोई लिखित दस्तावेज नहीं है

लाल किला 1857 में हुए पहले स्वतंत्रता संग्राम का केंद्र रहा है

बहादुर शाह जफर की समाधि पर श्रद्धांजलि देने के बाद 1940 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने दिल्ली चलो का नारा दिया था

उस समय दिल्ली का सत्ता केंद्र लाल किला हुआ करता था

1947 में आजादी के बाद देश के पहले पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर तिरंगा फहराया

इस तरह लाल किले को एक बार फिर सत्ता के केंद्र के रूप में देखा गया