हनुमान जी के भक्तों को शनि देव कभी परेशान नहीं करते.
इसके पीछे एक बहुत ही खास वजह है.


पौराणिक कथा के अनुसार रावण ने अपने योग बल से एक बार
शनि देव को कैद कर कारावास में बंद कर दिया था.


हनुमान जी जब सीता जी की खोज में लंका आए तो उन्होंने
शनि देव को जेल में पीड़ादायक अवस्था में पाया.


हनुमान जी ने ही शनि देव को वहां से मुक्ति दिलाई, साथ ही
उनके घाव पर मरहम भी लगाया.


इसके बाद शनि देव ने हनुमान जी से कहा कि बजरंगबली की
भक्ति करने वालों को मेरी शुभता प्राप्त होगी.


एक और मान्यता है कि शनि देव ने एक बार हनुमान जी का ध्यान
भंग करने के लिए उनकी तपस्या में विघ्न डाला था.


हनुमान जी के कई बार समझाने पर भी जब शनि देव नहीं रुके
तो उन्होंने शनि देव को पूंछ में लपेटकर सबक सिखाया


शनि देव ने बजरंगबली से माफी मांगी, इसके बाद बजरंगबली
ने शनि से उनके भक्तों की कभी न सताने का वचन मांगा.


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