किशोर बच्चे आजकल मोबाइल और टेबलेट पर अपना ज्यादा वक्त बीता रहे हैं.

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साइंटिफिक जर्नल हेल्थकेयर में पब्लिश एक रिपोर्ट बताती है कि खराब मुद्रा में स्मार्टफोन चलाना खतरनाक है.

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गलत मुद्रा में तीन घंटे से ज्यादा स्मार्टफोन चलाने से किशोरो में पीठ दर्द की समस्या पैदा हो रही है.

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ब्राजील के रिसर्चर्स ने बताया कि इससे रीढ़ की हड्डी से जुड़ी दिक्कतें जन्म ले सकती हैं.

तीन घंटे से ज्यादा स्क्रीन देखना, नजदीक से स्क्रीन देखना, पेट के बल बैठना या लेटना, ये सभी कारक रीढ़ की हड्डी के लिए खतरनाक है.

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ये स्टडी थोरैसिक स्पाइन पेन (TSP) पर आधारित थी. लड़कों की तुलना में TSP लड़कियों में ज्यादा देखा गया.

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TSP दुनिया भर के अलग-अलग एज-ग्रुप में काफी कॉमन है. वयस्कों में यह समस्या 15%-35% और बच्चों तथा किशोरों में 13%-35% है.

कोरोना महामारी ने बच्चों और किशोरों में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल को बढ़ावा दिया है.



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ज्यादा स्मार्टफोन यूज करने वाले बच्चे और किशोर में बैक पेन के साथ-साथ साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम्स भी बढ़ रही हैं.

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अगर किशोर स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल करते रहे तो उनमें कई शारीरिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं.