सपने अधिकांश लोग देखते हैं, सपनों का आमजीवन से गहरा ताल्लुक है

दिन में सपने देखने को लोग मसखरी के तौर पर भी लेते हैं

बेड और गुड लाइफ स्टाइल भी कई बार रात में सपने देखने का कारण बनती हैं

आइए जानने की कोशिश करते हैं कि क्यों सपने कभी कभी परेशान करते हैं

दिन में जो देख रहे हो, रात में सोते समय दिमाग में वहीं क्यों चलने लगता है?

सपने आने का भी एक पीरियड होता है

इसे मेडिकली भाषा में रेपिड आई मूवमैंट(REM) कहा जाता है

इस दौरान व्यक्ति का ब्रेन एक्टिव पॉजीशन में होता है

जैसे दिन में ब्रेन एक्टिीविटीज कर रहा होता है, वैसे ही रात में भी करता है

हर 90 मिनट पर ब्रेन इस कंडीशन में आता है और करीब 20 से 25 मिनट तक यही स्थिति रहती है.