बनारस की घाट की भोर और गंगा आरती सुनते ही जाने का मन कर जाता है

कुछ लोग वाराणसी तो कुछ बनारस तो कुछ काशी कहकर क्यों बुलाते हैं?

वाराणसी का सबसे पहला और पुराना नाम काशी है, जो 3 हज़ार साल पुराना है

काशी का मतलब ‘चमकता हुआ’ ‘उज्जवल’ या ‘दैदीप्यमान’ होता है

अंग्रेजों के शासनकाल से चला आ रहा नाम बनारस आज हर एक की ज़ुबां पर है

इसका नाम बनार नाम के राजा के नाम पर रखा गया था

बनारस का नया नाम वाराणसी है

ये दो नदियों वरुणा और असि के नाम से मिलकर बना है

वाराणसी में वरुणा नदी उत्तर में गंगा नदी से मिलती है

वाराणसी का उल्लेख भी बौद्ध जातक कथाओं और हिंदू पुराणों में किया गया है.