आमतौर पर मृत्यु के बाद लोग प्रियजनों की खास चीजों को निशानी के तौर पर सहेजकर रखते हैं. गरुड़ पुराण में बताया है कि मृतक से जुड़े कुछ सामानों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, इन्हें नष्ट करना ही सही है. मृतक के गहनों को कभी उपयोग में नहीं लेना चाहिए. मृत्यु से पहले भेंट किए गए गहनों को इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन मृतक को जिन गहनों से खास लगाव था उन्हें इस्तेमाल न करें. इससे जीवात्मा आकर्षित होती है. वास्तु के अनुसार व्यक्ति का अच्छा और बुरा समय उसकी घड़ी से जुड़ा होता है. इसलिए मृतक की घड़ी उपयोग में न लें. घड़ी में मृतक की सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा बसी होती है. ऐसी घड़ी इस्तेमाल करने से जीवन में कई तरह के बदलाव होते हैं. व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके कपड़ों का दान कर देना चाहिए. आत्मा का संसार से मोह भंग होता है. मृतक के कपड़ों का इस्तेमाल भी न करें, इन्हें निशानी के तौर पर रख सकते हैं.