खूद के करने से कभी भी हमें गुदगुदी नहीं होती है

कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों है?

इस पर यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन की सारा ब्लैकमोर ने अध्‍ययन किया है

अध्‍ययन के मुताबिक, गुदगुदी का अहसास दिमाग से होता है

गुदगुदी दिमाग के दो हिस्सों के सक्रिय होने पर होती है

इनमें पहला है, सोमेटोसेंसरी कॉर्टेक्स, जो स्पर्श को समझता है

दूसरा हिस्‍सा, एंटीरियर सिंगुलेट कॉर्टेक्स है

जो खुशी या किसी दिलचस्प अहसास को समझता है

खुद के गुदगुदी करने पर दिमाग खूद के स्पर्श को समझ लेता है

जिससे गुदगुदी के लिए कॉर्टेक्स पहले ही सचेत हो जाता है