चांद पर धरती के कई मिशन जा चुके हैं

इंसान ने चंद्रमा पर पहला कदम 1969 में रखा था

चांद और धरती के वातावरण में काफी अंतर होता है

अगर कोई इंसान धरती से चांद जाता है तो उसे अपने वजन में फर्क महसूस होगा

चांद पर आपका वजन कम महसूस होगा

चांद पर आपका वजन धरती पर आपके वजन के मुकाबले करीब छह गुना कम महसूस होता है

यह अंतर दोनों पिंड़ों के गुरुत्वाकर्षण में अंतर की वजह से होता है

चांद के गुरुत्‍वाकर्षण बल का मान धरती के मान से छह गुना कम है

इस वजह अगर किसी व्यक्ति का धरती पर 78 किगलोग्राम है

तो चांद पर उसका वजन छह गुना कम यानी 13 किगलोग्राम रह जाएगा