ब्रिटानिका की रिपोर्ट के मुताबिक मुस्लिम बहुल देश अज़रबैजान में साल 2020 तक हिंदुओं की संख्या महज 500 थी



इमीग्रेशन डिपार्टमेंट ऑफ अज़रबैजान के मुताबिक अगर किसी को हिंदू को अज़रबैजान में स्थायी निवासी का परमिट लेना हो तो उसे इमीग्रेशन डिपार्टमेंट को आवेदन देना होगा, जिसके बाद परमिट सिर्फ 5 साल के मान्य होता है



अगर परमिट खत्म होने वाली हो तो समाप्ति तिथि के 3 महीना पहले फिर से इमीग्रेशन डिपार्टमेंट को आवेदन देना होगा, जिसके बाद परमिट को अगले 5 साल के लिए बढ़ा दिया जाएगा



मुस्लिम बहुल देश होने की वजह से अज़रबैजान में हिंदू न के बराबर है, क्योंकि यहां की जनसंख्या भी काफी कम है



अज़रबैजान में हर विदेशी व्यक्ति के लिए स्थायी निवास के लिए परमिट को पाने का एक ही नियम है



अज़रबैजान की राजधानी बाकू है, जो एक प्राचीन शहर है



अज़रबैजान की राजधानी बाकू कैस्पियन सागर के किनारे स्थित है



अजरबैजान की स्थानीय भाषा तुर्किए है